Bansa Gopal Chowdhury
आसनसोल (राम बाबू यादव) :- पूर्व सांसद वंश गोपाल चौधरी (Bansa Gopal Chowdhury) पर मुर्शिदाबाद की एक महिला नेता को सोशल मीडिया के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश (वर्चुअल यौन उत्पीड़न) भेजने का आरोप लगा था। आरोप मुर्शिदाबाद की एक महिला नेता, जो जियागंज-अजीमगंज नगरपालिका की पूर्व पार्षद भी रह चुकी हैं, ने लगाए थे। इस मुद्दे की कानाफूसी फरवरी में शुरू हुई और दो महीने के भीतर सोशल मीडिया पर फैल गया। महिला नेता ने नवंबर 2024 में माकपा नेतृत्व को लिखित शिकायत दी थी। माकपा की आंतरिक जांच में आरोपों को सही पाए जाने के बाद पार्टी ने वंश गोपाल चौधरी को निष्कासित कर दिया है। अब इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी हैं।
पश्चिम बर्दवान जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष व पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने वंश गोपाल चौधरी को सीपीएम से निष्कासित किए जाने के मामले को सीपीएम का अंदरूनी मामला बताया और कहा कि मौजूदा समय में सीपीएम के एक भी संसद अथवा विधायक नहीं है। पंचायत स्तर पर भी सीपीएम की स्थिति काफी खराब है। हालांकि वंश गोपाल चौधरी के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती ने कोई टिप्पणी नहीं की उन्होंने यह कहकर सवाल को टाल दिया कि अभी यह सवाल पूछने का वक्त नहीं है।
वहीं आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की विधायक और बीजेपी की राज्य महासचिव अग्निमित्र पाल ने इस मुद्दे को महिला सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि सीपीएम के नेता महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े बातें करते हैं। लेकिन इस घटना ने सीपीएम के असली चेहरे को उजागर कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने वंश गोपाल चौधरी पर देरी से हुई कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए।
वहीं बीजेपी नेता कृष्णेन्दू मुखर्जी ने वंश गोपाल चौधरी के प्रकरण को लेकर माकपा पर तंज करते हुए कहा कि 34 वर्षों तक राज्य में वाममोर्चा की सरकार थी तब ऐसे बहुत से मामले हुए होंगे। लेकिन उस समय सोशल मीडिया का दौर नहीं था। इसलिए ऐसे मामले दब जाते थे। अब सोशल मीडिया का जमाना आ गया है इसलिए यह मामला उजागर हुआ।
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