कोलकाता :- वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने की मांग पर पिछले चार दिनों से पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला पूरा तरह अशांत हो रखा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बावजुद भी हिंसा पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं किया जा सका है। पहले जंगीपुर थाना, फिर सूती थाना और अब शमशेरगंज थाना इलाके में व्यापक हिंसा की जा रही है। स्थिति को नियंत्रण करने के लिए केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बल (बीएसएफ) को उतारा गया है। बीएसएफ के जवान इन हिंसा प्रभावित इलाको में रुट मार्च कर रही है। जंगीपुर में वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने की मांग पर प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगो ने पुलिस वाहनो को आग के हवाले कर दिया। गाड़ियों में व्यापक तोड़फोड़ की। पुलिस पर जमकर पथराव किया। दूसरे दिन यानी शुक्रवार को सुती में भी जमकर हंगामा किया गया। वक्फ संशोधन कानून वापस लेने की मांग पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ट्रैफिक बूथ में व्यापक तोड़फोड़ की। बूथ को आग के हवाले कर दिया। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी अपने आप को बचाकर यहां से भाग निकले। जगह-जगह वाहनों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। शमशेरगंज थाना इलाके के धुलियान में भी वक्फ संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे और जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम दिया गया। पुलिस पर थी पथराव किया गया।
इस दौरान पुलिस के 15 कर्मचारी घायल हुए है। स्थिति को नियंत्रण रखने के लिए पुलिस बीएसएफ के साथ मिलकर काम कर रही है। राज्य सरकार का सचिवालय नवान्न से 4 आईपीएस अधिकारियों को तत्काल हिंसा प्रभावित इलाको में जाकर मोर्चा संभालने का निर्देश दिया गया है। समुचे इलाके में 163 धारा लागु किया गया है, ताकि लोग इकट्ठा न हो सके। इस हिंसा में सत्तारुढ़ दल के सांसद खलिलूर रहमान और विधायक मणिरुल इस्लाम के घरो पर भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की। पुलिस ने मुर्शिदाबाद जिले के सुती थाना इलाके से 71 और शमशेरगंज थाना इलाके से 47 लोगो को गिरफ्तार किया जा चुका है। यानी अब तक 118 लोगो को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। सुती और शमशेरगंज में गोली चलने से 3 प्रदर्शनकारी भी जख्मी हुए है। इनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। शमशेरगंज के रहने वाले हसन शेख और गुलामुद्दीन शेख को गोली लगी है। इनमें एक की हालत चिंताजनक बतायी गयी है।
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