रानीगंज :- आसनसोल नगर निगम ने रानीगंज के वार्ड नंबर-34 अंतर्गत पंजाबी मोड़ के पास अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया। मंगलवार को रानीगंज-सिउड़ी नेशनल हाईवे-60 पर आमरासोता के निकट जेसीबी मशीन के जरिए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने 233.27 वर्ग फीट सड़क पर अतिक्रमण कर एक शेड का निर्माण किया था। वहीं, 579.53 वर्ग फीट में आरसीसी निर्माण भी अवैध रूप से किया गया था। उसे भी ध्वस्त किया गया। आसनसोल नगर निगम के अधिकारियों और पुलिस की मौजूदगी में यह पूरी कार्रवाई की गई।
20 जमीन मालिकों ने नगर निगम से की थी शिकायत
बताया जाता है कि जमीन मालिक नरेश शर्मा, समीर घोष, नबकुमार जश, रतन घोष, सूरज गोप, अम्बिका यादव, पुनेखा देवी, तापस राज, उत्तम घोष, प्रिया पात्रा, अमरिया देवी बाउरी, आसमानी देवी सिंह, महेंद्र यादव, रजितराम यादव और मुकेश यादव समेत 20 जमीन मालिकों ने इस मामले को लेकर आसनसोल नगर निगम से शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अवैध रूप से बनाई गई दीवार और आईसीसी निर्माण की वजह से उनके आने-जाने का रास्ता बाधित हो रहा था। बाद में आसनसोल नगर निगम के तरफ से इस मामले की जांच शुरू की गई। आसनसोल नगर निगम की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया। फिर संबंधित पक्षों से इस मामले में जरूरी कागजात मांगे गए। बताया जाता है की जमीन मालिकों ने अपनी जमीन से संबंधित कागजात आसनसोल नगर निगम मुख्यालय में सौंप दिए। लेकिन सुशांत मंडल और प्रशांत मंडल अपनी दीवार और आईसीसी निर्माण से संबंधित कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाए। ऐसे में नगर निगम के तरफ से उन्हें नोटिस जारी किया गया और उनके निर्माण को अवैध कराया गया।
क्या है पूरा मामला
आसनसोल नगर निगम ने अवैध निर्माण को लेकर सुशांत मंडल और प्रशांत मंडल को नोटिस जारी किया था। निगम ने दोनों को उनकी अवैध रूप से बनाई गई दीवार और आरसीसी निर्माण को हटाने का आदेश दिया। आदेश के अनुसार, आरोपियों ने पश्चिमी ओर 15 फीट 9 इंच X 10 फीट और पूर्वी ओर 14 फीट 8 इंच X 10 फीट की दीवार अवैध रूप से बनाई थी, जिससे वहां के अलग-अलग 20 जमीन मालिकों के आने-जाने का रास्ता बाधित हो रहा था। इसके अलावा, उन्होंने 233.27 वर्ग फीट सड़क पर अतिक्रमण कर एक शेड का निर्माण किया था। वहीं, 579.53 वर्ग फीट में आरसीसी निर्माण भी अवैध रूप से किया गया था। आसनसोल नगर निगम ने पहले 21 फरवरी 2025 को इन अवैध निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन तय समय सीमा के बाद भी अवैध निर्माण नहीं हटाया गया। इसके बाद निगम ने दोबारा जांच कर पाया कि अवैध निर्माण अब भी मौजूद है। आखिरकार अब नगर निगम की टीम ने मौके पर जाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
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