देव कुमार सराफ के अशोभनीय वक्तव्य से रानीगंज मारवाड़ी समाज लोगो के सम्मान में पहुंची ठेस, मारवाड़ी संस्थाओं ने की कड़ी निंदा, सराफ से माफी मांगने की मांग




रानीगंज:  ऐसे सैकड़ों उदाहरण कोलकाता से लेकर रानीगंज तक मिलेंगे, जहां यह आसानी से प्रमाणित होता है कि दान-धर्म और कर्म के क्षेत्र में मारवाड़ी समाज हमेशा अहम एवं उल्लेखनीय भूमिका अदा करते आ रहे है। मारवाड़ी समाज के लोगो की एक और महत्वपूर्ण बात है वे अपनी जन्मभूमि से ज्यादा कर्मभूमि में लोगो की सेवा के लिए अपना उल्लेखनीय योगदान देते है। अपनी इस विशेषता के लिए हमेशा ही मारवाड़ी की प्रशंष होती है। मारवाड़ी समाज के संतान युगो-युगो से अपनी कर्मभूमि में महत्वपूर्ण सेवा करती आ रही है। रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ दान-धर्म एवं समाज के प्रति अपनी कर्तव्य का निर्वाह में ऐतिहासिक योगदान देते आ रहे है। ऐसे मारवाड़ी समाज के प्रति आनंदलोक के कर्णधार देव कुमार सराफ जी की टिप्पणी बेहद अशोभनीय , अभद्र एवं समाज के लिए कष्टकर है। देव कुमार सराफ जी जीवन के अंतिम पढ़ाव में आकर अपने ही मारवाड़ी समाज के प्रति इस कदर कोसना कतई शोभनीय नहीं है। देव कुमार सराफ जी के कथन अनुसार उन्होंने अपना जीवन प्राइवेट ट्यूटर के रुप में आरंभ किया था तो क्या बिना मारवाड़ी समाज के सहयोग से ही एक प्राइवेट ट्यूटर से प्रतिष्ठित एवं आर्थिक रुप से संपन्न देव कुमार सराफ होने का सफर तय हो गया ? देव कुमार सराफ को देव कुमार सराफ जी मारवाड़ी समाज के दानवीरो ने ही बनाया है। मारवाड़ी समाज के भरपुर सहयोग और दान-धर्म से आनंदलोक प्रतिष्ठित हो पाया है। आनंदलोक के कर्णधार बनने में देव कुमार सराफ को कोलकाता से लेकर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में फैले मारवाड़ी समाज के संपन्न व्यक्तियों का भरपुर सहयोग रहा है। ऐसा सहयोग जिसमें कोई शर्त न थी। केवल मानव सेवा की भावना थी। आनंदलोक के दानपत्र में सबसे ज्यादा सहयोग मारवाड़ी समाज के ही दानवीरों का है और आज आप मारवाड़ी के घर में जन्म लेना एक अभिशाप समझते है ? और मारवाड़ियों को कृतज्ञहीन बताते है। मारवाड़ी के घर जन्म लेने से अच्छा आपको हिजड़ा, शुअर, चूहा और बिल्ली बनना पसंद है ? आप ने अपने अगले जन्म में मारवाड़ी के घर जन्म लेने की जगह हिजड़ा, शुअर, चूहा, बिल्ली में जन्म लेना ज्यादा पसंद कर रहे है ? आपकी यह अशोभनीय अनपारलियामेंट शब्द किसी भी मापदंड से उचित नहीं है। रानीगंज के मारवाड़ियों ने आपका क्या बिगाड़ा ? आपको क्या अपशब्द कहा है ? मारवाड़ियों ने क्या कभी आपके अस्पताल में तोड़फोड़ की ? आपके किसी कार्य में बाधा दिया ? जीवन में जरुरते बदलती रहती है। अगर रानीगंज के मारवाड़ी आपके दूर हुए है तो इसकी वजह क्या आप नहीं है ? रानीगंज में वर्ष 2003 में आनंदलोक अस्पताल का निर्माण समाज के ही दिए गए 8 बीघा जमीन से संभव हो पाया है। सिर्फ जमीन ही नहीं इस महत्वपूर्ण काम के लिए मारवाड़ी समाज के लोगो ने 1 करोड़ रुपये से अधिक चंदा भी उठाकर दिया। आप तो शेयर बाजार के बहुत बड़़े जानकार है। अगर यह पैसे शेयर बाजार में निवेष किए होते तो आज इसी वेल्यू क्या होती ? इसका अनुमान आपको जरुर होगा। परन्तु इन 28 सालो में जमीन और रुपये दान में देने वालो को क्या दिया ? अपनी मर्जी से दीवार में नाम दाताओं के नाम लिखते है और अपने मर्जी से मिटा भी देते है। इतना ही नहीं जमीन और रुपये दान देने वालो की सिफारिश पर आप किसी मरीज का न तो फ्री में ट्रिटमेंट करते है और न ही ट्रिंटमेंट में आए खर्च में कुछ कमी करने में भी रजामंद होते है। इन सब बातो को छोड़ भी दे तो आप ने आनंदलोक अस्पताल को एक बेहतर चिकित्सा का ठिकाना भी नहीं बना पाए और न ही सस्ती चिकित्सा का ही। आपके बाद इस अंचल में मिशन अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल, गौरी देवी अस्पताल, आईक्यू सिटी अस्पताल की स्थापना हुयी। यहां पर एक से एक चिकित्सक है। जहां सर्जरी के लिए नहीं बल्कि मेडिकल जांच के लिए रानीगंज के लोगो को दुर्गापुर दौड़कर जाना पड़ता है। यह सत्य है कि आपने अस्पताल की चिकित्सा पद्धति से ज्यादा अन्य कामो को बेहतर करने में अपना समय गंवाया। परन्तु रानीगंज के लोगो ने तो बेहतर अस्पताल, बेहतर डाॅक्टर की आश में आपको जमीन और पैसे दान में दिए थे। रानीगंज के वासी कभी दान देकर उसका हिसाब नहीं मांगते है। रानीगंज मारवाड़ी अस्पताल, रानीगंज टीडीबी काॅलेज, रानीगंज गल्र्स काॅलेज, मारवाड़ी सनातन विद्यालय, बसंती देवी गोयनका विद्यालय और कितने ही प्रतिष्ठान बिना किसी स्वार्थ के स्थापित किए है। आज भी यह संस्थाने लोगो के लिए मद्दगार साबित है। एक वक्त था राजा हो या रंग, अमीर हो या गरीब, दिन हो या रात पहली निःशुल्क आपातकालीन चिकित्सा मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी अस्पताल ही प्रदान करती थी। आधी रात के वक्त यही संस्था निःशुल्क में लोगो को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराती थी। परन्तु आज तक आनंदलोक अस्पताल ने रानीगंज में यह सुविधा नहीं दी। मारवाड़ी समाज के लोगो ने देव कुमार सराफ के इस अशोभनीय वक्तव्य की कड़ी निंदा की है। रानीगंज में मारवाड़ी संस्था सीताराम जी भवन, मारवाड़ी युवा मंच, मारवाड़ी महिला सम्मेलन, मारवाड़ी मित्र परिषद सभी ने देव कुमार सराफ की इस वक्तव्य की कड़ी निंदा की है। इतना ही नहीं मारवाड़ी समाज के संस्थाओं ने देव कुमार सराफ के इस वक्तव्य के लिए माफी मांगने की मांग की है। अन्यथा समाज के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाने का निर्णय लिया है। मारवाड़ी समाज के प्रबुद्ध नागरिक ओम प्रकाश बाजोरिया,  सीताराम जी भवन एस्टेट के अध्यक्ष जुगल किशोर गुप्ता, मारवाड़ी मित्र परिषद के अध्यक्ष अनुप सराफ, मारवाड़ी युवा मंच के मुख्य सलाहकार राजेश जिंदल, मारवाड़ी महिला सम्मेलन की पूर्व अध्यक्ष रश्मि सतनालिका ने देव कुमार सराफ की मारवाड़ी विरोधी कथन के विरुद्ध कड़ी निंदा करते हुए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की।

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