आसनसोल शिल्पांचल में पितृपक्ष पर तर्पण के लिए दामोदर नदी में उमड़ी भीड़, महालया से देवी पक्ष की शुरु

पितृपक्ष पर तर्पण के लिए उमड़ी भीड़




आसनसोल :- बुधवार को अश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन 15 दिनों से चले आ रहे पितृपक्ष का समापन हो गया। महालया के दिन पितरों को तर्पण के बाद देवी का आह्वान किया गया। मान्यता है कि अपने वंशजों से मुक्ति एवं उन्हे आशीर्वाद देने पितृपुरुषों की आत्माएं प्रेतलोक से मृत्यु लोक यानी धरती पर आते हैं। जहां पितृपक्ष के अंतिम दिन यानी महालया के दिन पितृपुरुषों की आत्माएं अपने वंशजों से तिलांजलि लेकर वापस प्रेतलोक के लिए चले जाते हैं। इसके बाद देवी पक्ष की शुरुआत होती है।




बुधवार को पितृपक्ष के अवसर पर दुर्गापुर बैराज के निकट दामोदर नदी में तर्पण करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और अपने पारिवारिक कर्तव्यों को निभाने का होता है। यही वजह है कि इस दिन दामोदर नदी में हर आम और खास व्यक्ति तर्पण करने के लिए पहुंचा। 


 पितृपक्ष के अंतिम दिन नदियों के तट पर पितरों का तर्पण किया जाता है। इधर पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल, दुर्गापुर, रानीगंज में दामोदर नदी के तट पर भी बुधवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां लोग मृत आत्माओं के शांति के लिए तर्पण करते और उनके मोक्ष के लिए दान करते देखे गए। 


आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की अमावस्या तिथि को पितृ पक्ष समाप्त होता है और इसके साथ ही देवी पक्ष शुरू होता है। इस विशेष दिन पर अपने परिवार के पूर्वजों की याद में दुर्गापुर बैराज के जलाशय में खड़े होकर पितृपुरुष की आत्मा की शांति की कामना के लिए तर्पण किया जाता है। वैदिक मंत्रों का पाठ करके और जल दान करके उनकी आत्मा की शाश्वत शांति की कामना की जाती है।

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