पश्चिम बंगाल में 7 नवंबर से पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध

7 नवंबर से पान मसाला और गुटखा पर बैन 




कोलकाता :- पश्चिम बंगाल सरकार ने तंबाकू या निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला प्रोडक्ट को मैन्युफैक्चर, स्टोरेज, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर बैन को एक और साल के लिए बढ़ा दिया है, जो 7 नवंबर से लागू होगा। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने 24 अक्टूबर को एक नोटिस जारी किया, जिसमें इस प्रतिबंध के पीछे पब्लिक हेल्थ चिंताओं का हवाला दिया गया। 


नोटिस के अनुसार ''राज्य के कमिश्नर ऑफ फूड सेफ्टी को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 के सेक्शन 30 के तहत पब्लिक हेल्थ के हित में पूरे राज्य में किसी भी तंबाकू या निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला प्रोडक्ट के मैनुफैक्चरिंग, स्टोरेज, बिक्री और डिस्ट्रिब्यूशन पर एक साल की अवधि के लिए रोक लगाने का अधिकार है.''

राज्य स्वास्थ्य विभाग का यह निर्णय 2011 के फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेगुलेशन के कई प्रावधानों के अनुरूप है, जो हानिकारक पदार्थों की बिक्री को प्रतिबंधित करता है। 


वर्ष 2006 के केंद्रीय 'खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अधिनियम' ने तंबाकू और निकोटीन युक्त पदार्थों को 'हानिकारक' बताया था। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने उनकी खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध जारी किया। गौरतलब है कि देश के विभिन्न राज्यों में गुटखा या तंबाकू आधारित मसालों के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगभग एक दशक पहले लगाया जाना शुरू हुआ था। बाद में पश्चिम बंगाल भी उसी रास्ते पर चल पड़ा और उस प्रतिबंध को पहले भी कई बार बढ़ाया जा चुका है।


पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने मंगलवार को एक साल के लिए पान मसाला और गुटखा बनाने-बेचने (Manufacturing-Sale) पर प्रतिबंध (Ban) लगा दिया है. राज्य सरकार द्वारा लगाया गया ये बैन आगामी सात नवंबर से अगले एक साल तक के लिए प्रभावी होगा. यह बात सरकारी आदेश में कही गई है. राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक यह निर्णय आम लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

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