कोलकाता :- 4 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के मतगणना के लिए सभी मतगणना केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही सभी मतगणना केंद्र पर एक वीडियोग्राफर भी रहेगा। क्योंकि, अगर किसी मतगणना प्रक्रिया को चुनौती दी गई तो वह सीसीटीवी फुटेज चुनाव आयोग के हाथ में होगा।
चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी काउंटिंग सेंटर में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था भी रखी जा रही है। केंद्रीय बलों की सुरक्षा पहले घेरे में होगी। दूसरे और तीसरे घेरे में राज्य पुलिस के सशस्त्र जवान होंगे। प्रत्येक मतगणना केंद्र पर एक कंपनी या कमोबेश 80 केंद्रीय अर्ध सैनिक बल के जवान होंगे। मतगणना केंद्र के 200 मीटर परिधि में धारा 144 प्रभावी रहेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अधिकारियों ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेटों और मतदान से जुड़े अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की हैं। राजनीतिक दलों का एक वर्ग पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम-वीवीपीएटी) और मतगणना को लेकर संदेह व्यक्त कर रहा है। राजनीतिक दलों ने भी कहीं-कहीं मतदान के दिन से स्ट्रॉन्ग रूम के पास डेरा डाल रखा है, जहां ईवीएम रखी जाती हैं।
चुनाव आयोग ने कई वीवीपैट को विधानसभावार तरीके से देखने का भी आदेश दिया है। प्रत्येक विधानसभा में लॉटरी के माध्यम से पांच वीवीपैट का चयन किया जाएगा। उन मशीनों में जमा मतदान पर्चियों का मिलान संबंधित ईवीएम में मतदान परिणामों से किया जाएगा। किसी ईवीएम से गिनती में यांत्रिक समस्या आने पर संबंधित वीवीपैट में जमा वोट पर्ची को गिना जाएगा।
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, पांचवें दौर के मतदान में केंद्रीय अर्धसैनिक बल की 762 में से 613 कंपनियों का इस्तेमाल किया जाएगा। छठे दौर के मतदान में यह संख्या बढ़कर 1020 कंपनी हो जाएगी। इनमें 919 कंपनियों का इस्तेमाल किया जाएगा। अकेले कोलकाता के लिए केंद्रीय बल की 200 कंपनियां भेजी गई हैं। राज्य पुलिस के कुल 19 हजार 949 जवानों की तैनाती होगी।
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