Durgapur के Birla Cement में काम करने के दौरान दुर्घटना में श्रमिक की मौत, नौकरी व मुआवजे की मांग पर प्रदर्शन



दुर्गापुर (राम बाबू यादव) :- Birla Corporation Limited के Durgapur Cement Works यूनिट में काम करने के दौरान एक स्थाई श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई। मृत श्रमिक की पहचान 53 वर्षीय राधेश्याम केवट के रूप में हुई है और वे वारिया पुलिस फाड़ी क्षेत्र के सीमेंट कॉलोनी के रहने वाले थे। इस घटना को लेकर सीमेंट कारखाने में व्यापक उत्तेजना फैल गई और सीमेंट कारखाना प्रबंधन के खिलाफ श्रमिकों में भारी आक्रोश देखा गया।





सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राधेश्याम केवट शनिवार की रात बिरला सीमेंट कारखाने में नाइट शिफ्ट ड्यूटी करने गए थे। कारखाने के सीसीआर एक नंबर मिल हाउस में प्रोडक्शन का काम करने के दौरान अचानक वे हॉपर में गिर गए और घटनास्थल पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई। कारखाने के श्रमिकों का कहना है कि जिस वक्त यह घटना घटी राधेश्याम केवट वहां अकेले काम कर रहे थे। इसलिए दुर्घटना के बारे में काफी देर से सहकर्मियों को जानकारी मिली। रविवार तड़के घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में श्रमिकों का यहां जमावड़ा लग गया और मृतक के परिवार के लोग ही बिरला सीमेंट कारखाने में पहुंचे। जहां कारखाने के सिक्योरिटी इंचार्ज के साथ उनका विवाद भी हुआ। 




बाद में दुर्गापुर नगर निगम के एमआईसी और तृणमूल कांग्रेस ट्रेड यूनियन के नेता प्रभात चटर्जी बिरला सीमेंट कारखाने पहुंचे और श्रमिकों के साथ बातचीत कर पूरी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उनके साथ एमआईसी धर्मेंद्र यादव और तृणमूल युवा कांग्रेस के नेता मिंटू चौधरी भी मौजूद थे। पुलिस ने भी कारखाने में पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी। उस वक्त कारखाना प्रबंधन का अड़ियल रवैया देखने को उनके निर्देश पर सिक्योरिटी इंचार्ज किसी को भी कारखाने के भीतर प्रवेश करने नहीं दे रहे थे। सिक्योरिटी इंचार्ज द्वारा बाधा दिए जाने पर यहां थोड़ी देर के लिए उत्तेजना की स्थिति उत्पन्न हो गई और हो- हल्ला मच गया। आखिरकार एमआईसी प्रभात चटर्जी व एमआईसी धर्मेंद्र यादव ने कारखाने के भीतर प्रवेश किया तथा मृत श्रमिक के परिजनों को उचित मुआवजा व नौकरी देने की मांग पर प्रबंधन के साथ बातचीत शुरू की गई। 


एमआईसी प्रभात चटर्जी ने श्रमिक की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि यह घटना कैसे घटी है और सुरक्षा में कहीं कोई लापरवाही थी या नहीं इसकी जांच होनी चाहिए। दुख की इस घड़ी में हमलोग मृत श्रमिक के परिवार के साथ खड़े हैं। साथ ही मृत श्रमिक के आश्रितों को उचित मुआवजा और परिवार से किसी एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कारखाना प्रबंधन के समक्ष रखी गई हैं।

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